
समय-समय पर इसकी जांच करते रहें। लाइव वॉलपेपर या स्क्रीन-सेवर भी बैटरी के दुश्मन हैं।
स्क्रीन की ब्राइटनेस ऑटोमेटिक नहीं रखें, उसे खुद सेट करें, स्क्रीन जितनी कम ब्राइट होगी, बैटरी उतनी ज़्यादा चलेगी। अगर फ़ोन में बैटरी सेविंग मोड का विकल्प है तो उसका ज़रूर इस्तेमाल करें।
स्क्रीन की ब्राइटनेस ऑटोमेटिक नहीं रखें, उसे खुद सेट करें, स्क्रीन जितनी कम ब्राइट होगी, बैटरी उतनी ज़्यादा चलेगी। अगर फ़ोन में बैटरी सेविंग मोड का विकल्प है तो उसका ज़रूर इस्तेमाल करें।
जैसे ही आपकी बैटरी कम होगी, गैरज़रूरी ऐप्स को फ़ोन खुद ही बंद कर देता है।
जैसे-जैसे डेटा का इस्तेमाल बढ़ रहा है, बैटरी की खपत भी बढ़ रही है इसीलिए बैटरी की लाइफ़ बढ़ाने के नुस्ख़े जानना आपके लिए ज़रूरी है।
वाई-फ़ाई, ब्लूटूथ और जीपीएस, क्या ये सब आपको हर समय चाहिए?
ये तीनों सुविधाएं उस वक़्त बंद कर दें जब उनकी ज़रूरत नहीं हो। नहीं तो बैटरी लाइफ़ पर ख़ासा फ़र्क़ पड़ता है।
बैकग्राउंड में कई ऐप आपकी बैटरी खाते रहते हैं, इनकी संख्या जितनी कम होगी, उतना बढ़िया होगा।
ब्राइटनेस खुद सेट करें
समय-समय पर इसकी जांच करते रहें। लाइव वॉलपेपर या स्क्रीन-सेवर भी बैटरी के दुश्मन हैं।
स्क्रीन की ब्राइटनेस ऑटोमेटिक नहीं रखें, उसे खुद सेट करें, स्क्रीन जितनी कम ब्राइट होगी, बैटरी उतनी ज़्यादा चलेगी।
अगर फ़ोन में बैटरी सेविंग मोड का विकल्प है तो उसका ज़रूर इस्तेमाल करें।
जैसे ही आपकी बैटरी कम होगी, गैरज़रूरी ऐप्स को फ़ोन खुद ही बंद कर देता है।
ऐप जो ज्यादा बैटरी खाता है

अगर यह समय लंबा हुआ तो फ़ोन की स्क्रीन बिना काम के देर तक ऑन रहेगी और बैटरी जाती रहेगी।
कुछ दिनों पर ये ज़रूर चेक करें कि सबसे ज़्यादा बैटरी किस ऐप को चलाने में इस्तेमाल हो रही है।
बैटरी लाइफ बढ़ाने में ये सब मददगार होंगे।
अगर इन सब में से कुछ भी नहीं कर सकते तो बैटरी एक्सटेंडेर खरीद लें।
ज़्यादातर स्मार्टफोन के मॉडल के लिए बैटरी एक्सटेंडेर बाजार में मिलता है जो बैटरी ख़त्म होने के बाद, और अधिक समय तक अतिरिक्त बैटरी देगा।
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